नयी दिल्ली : शारदा एक्ट में संशोधन के बाद लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 15 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई थी. वहीं, बाल विवाह अधिनियम ( Child Marriage Act ) के मुताबिक भारत में शादी के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन अब लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाया जा सकता है.
सरकार लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है. इस फोर्स की अध्यक्ष वरिष्ठ नेता जया जेटली होगी. टास्क फोर्स कम उम्र में मां बनने और विवाह से संबंधित मामलों की फिर से जांच करेगी.
31 जुलाई को पेश होगी रिपोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा गठित यह टास्क फोर्स 30 जुलाई तक लड़कियों के विवाह, मां बनने और उनके शिक्षा को लेकर समीक्षा करेगा. 31 जुलाई को टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट सरकार सौंप देगा. इस टास्क फोर्स में जया जेटली के अलावा, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, प्राथमिक और उच्च शिक्षा और विधायी विभाग के सचिव नजमा अख्तर, वसुधा कामथ और दीप्ति शाह भी सदस्य के तौर पर शामिल हैं.
वित्त मंत्री ने किया था ऐलान
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल वित्तीय वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करते हुए महिला के मां बनने की सही उम्र के निर्धारण के लिए एक टास्क फोर्स के गठन का ऐलान किया था. बता दें कि भारत में इस समय लड़की की शादी के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़के के लिए 21 साल है.