नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव और बढ़ता दिखाई दे रहा है। गलवन घाटी में पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंंसक झड़प हुई। इसमें भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं। दूसरी तरफ इस झड़प में चीनी सेना के भी पांच सैनिकों के मारे जाने और 11 जवानों के गंभीर तौर पर घायल होने की सूचना मिली है। हालांकि, चीन की सेना की तरफ से अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार ने सोशल साइट पर यह जानकारी दी है कि चीनी पक्ष को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है। दोनों सेनाओं के मेजर जनरल तनाव को कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
इसी बीच समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी को हालात की जानकारी दी। इससे पहले राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की थी। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की यात्रा रद हो गई है।
चीनी विदेश मंत्रालय का बयान
बहरहाल, चीन के विदेश मंत्रालय ने इस झड़प का दोष पूरी तरह से भारतीय सेना पर डालने का काम किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सोमवार को भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा का गंभीर तौर पर उल्लंघन किया है। उन्होंने चीन के क्षेत्र में घुस कर चीनी सैनिकों पर हमला किया है। आगे यह भी कहा है कि भारत व चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए व एलएसी पर शांति व स्थायित्व बहाली के लिए सहमत हैं। भारतीय पक्ष की तरफ से भी बताया गया है कि हालात बिगड़ने के बाद दोनो पक्षों के बीच जमीनी तौर पर बातचीत जारी है ताकि तनाव को खत्म किया जा सके।
महीने की शुरुआत से ही माहौल तनावपूर्ण
बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर के पास माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ था। मई महीने के शुरुआत में चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई एलएसी को पार कर लिया था। चीनी सैनिकों ने पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आकर अपने तंबू गाढ़ लिए थे। खबरों के मुताबिक, यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था।