रांची: हाल के दिनों में बैमौसम बारिश और मौसम परिवर्तन के कारण राज्य के किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। मगर अब किसानों को खेती से जुड़ी सलाह और उन्नत प्रभेद उपलब्ध कराने के साथ बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) मौसम की भी सटीक जानकारी देगा। इससे किसान अपनी खेती ममौसम के अनुकूल कर सकते हैं। बीएयू ने सीडैक, कोलकाता के साथ मिलकर झारखंड वेदर पोर्टल एवं एप को विकसित किया है।
तीन भाषाओं में उपलब्ध होगी सूचना: इस पोर्टल और एप पर किसानों को हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त नागपुरी भाषा में भी मौसम सबंधी सूचना दी जायेगी। किसानों की मदद के लिए इस प्लेटफॉर्म पर मौसम की जानकारी के साथ एडवाईजरी से जोड़ने की योजना है। इससे किसानों को स्वतः समय–समय पर कृषि सलाह मिलना संभव हो जायेगा।
चार वर्ग किमी मौसम की मिलेगी सटीक जानकारी: बीएयू में डिस्क प्रोजेक्ट के इन्चार्ज डॉ बीके झा ने बताया कि सामान्यतः मौसम विभाग का पुर्वानुमान का दायरा 50 किमी का होता है। इससे किसानों को अपने पंचायत के मौसम की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। मगर बीएयू के इस पोर्टल पर चार वर्ग किमी दायरे में रखकर एक पंचायत को कवर किया गया है। यह पोर्टल और एप मोबाइल पर हरे तीन घंटे में मौसम अलर्ट भेजता है।
इसके साथ ही हर बारह घंटे में जलवायु से सबंधित 14 प्रकार के मानको की सूचना देता है। इन मानकों में वर्षा, अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, ओस बिंदु तापमान, मिट्टी का तापमान, मिट्टी की नमी, सतह अपवाह, भूमिगत अपवाह, जमीन की सतह पर नीचे की ओर छोटी लहर, कुल बादल कवर, अधिकतम सापेक्ष आर्द्रता, न्यूनतम सापेक्ष आर्द्रता, हवा की गति, हवा की दिशा दैनिक (3 दिन की अवधि) और प्रति घंटा (6 घंटे के लिए) आधार पर दी जा रही है। इस प्रणाली में पंचायत के अलावा प्रखंड व जिला स्तर तक का डाटा रिकॉर्ड भी दर्ज होता है।