रांची : लॉकडॉउन 4 की घोषणा के साथ झारखंड में कोरोना के खिलाफ जंग को जारी रखने की योजना काम शुरू हो गया है. झारखंड मंत्रालय में मंत्रिमंडल उप समिति की बैठक में हर एक मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा हुई. उप समिति ने प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ कोरोना जांच के दायरे को बढ़ाने को लेकर भी भविष्य की योजना तैयार की.
उप समिति में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई.
- प्रवासी मजदूरों की वापसी की गारंटी
- अब तक 64 ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों की वापसी
- अगले कुछ दिनों में 76 ट्रेनों से आएंगे प्रवासी मजदूर
- रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूर रहेंगे सरकारी कोरेंटाइन में
- राज्य में अब हर दिन 2 हजार लोगों की जांच
- बहुत जल्द तीन नये जांच सेंटर
- छोटे दुकानदार से लेकर टेम्पों चालक पर सरकार की चिंता
- केंद्र सरकार से ऋण पर ब्याज की माफी के लिये करेंगे अनुरोध
- मुख्यमंत्री दाल – भात और दीदी किचन योजना के सफल संचालन पर जोर
झारखंड सरकार के लिये प्रवासी मजदूरों की वापसी और उसके बाद रोजगार उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती है. राज्य सरकार इस चुनौती को अवसर में बदलना चाहती है. अगर राज्य से पलायन को रोकना है तो रोजगार के लिये दूसरे प्रदेश का रुख करने वाले तमाम लोगों को उनके गांव, उनके पंचायत या उनके प्रखंड में रोजगार देना होगा. मंत्रिमंडल उप समिति ने इस मुद्दे पर भी तैयारी पूरी कर ली है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉक डॉउन 4 को नये रंग-रूप में बताया है. केंद्र सरकार के गाइड लाइन में कुछ छूट के साथ कोरोना की जंग को जीतने का फार्मूला है. झारखंड भी इस जंग को जीतने में कहीं से पीछे नहीं और लॉकडॉउन 4 में इसका असर जरूर देखने को मिलेगा.