दस अफ्रीकी देशों में एक भी वेंटिलेटर नहीं, सूडान में उपराष्ट्रपति पांच और वेंटिलेटर केवल चार

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डकार (सेनेगल) । कोरोना संक्रमण की महामारी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे अफ्रीकी देशों के लिए अत्यंत भयावह साबित हो रही है। आलम है कि 10 देशों में एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है, जबकि 41 देशों के पास सिर्फ 2,000 के आसपास वेंटिलेटर हैं। इसके उलट अगर अमेरिका पर नजर डालें तो उसके पास 1,70,000 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। बेहद लचर स्वास्थ्य सुविधाओं और विषमताओं के बीच बेबस अफ्रीकावासियों के पास कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए मन को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

साबुन-पानी भी नहीं फ‍िर कैसे मरेगा कोरोना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization यानी WHO) का कहना है कि विशेषज्ञ अफ्रीकी देशों की स्थितियों को लेकर चिंतित हैं। वे आशंकित हैं कि जिन देशों के पास मास्क, ऑक्सीजन और यहां तक कि साबुन-पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं, वहां अगर कोरोना महामारी फैली तो क्या होगा। इसलिए, जरूरी है कि इन देशों में कोरोना संक्रमण को फैलने ही न दिया जाए।

97 फीसद घरों को साफ पानी तक उपलब्ध नहीं

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2015 में सिर्फ 15 फीसद उप सहारा अफ्रीकियों के पास हाथ धोने की सुविधा थी। वर्ष 2017 में लाइबेरिया में तो 97 फीसद घरों में साफ पानी और साबुन उपलब्ध ही नहीं था। शोध समूह सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में वैश्विक स्वास्थ्य नीति के निदेशक कैलिप्सो चालकिडो का कहना है कि यहां जिन चीजों की जरूरत है वे न्यूनतम हैं।

कर्फ्यू और यातायात प्रतिबंध का ही सहारा

स्वास्थ्य संसाधनविहीन कई देश अपनी जनता को बचाने के लिए कफ्र्यू व यातायात प्रतिबंधों का सहारा ले रहे हैं। अच्छी बात यह है कि ये प्रतिबंध शुरुआती दौर में लागू कर दिए गए थे।

दक्षिण सूडान में उपराष्ट्रपति पांच और वेंटिलेटर केवल चार

1.10 करोड़ आबादी वाले अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान में उपराष्ट्रपति तो पांच हैं, लेकिन वहां वेंटिलेटर की उपलब्धता सिर्फ चार है। इसी प्रकार मध्य अफ्रीकी गणराज्य के 50 लाख लोगों के लिए सिर्फ तीन वेंटिलेटर हैं। लगभग इसी आकार के देश लाइबेरिया में चालू हालत में छह वेंटिलेटर तो हैं, लेकिन उनमें से एक का इस्तेमाल अमेरिकी दूतावास करता है।

तीन लाख लोगों की हो सकती है मौत 

अभी हाल ही में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organization यानी WHO) ने आगाह किया था कि अफ्रीका कोरोना वायरस महामारी का अगला केंद्र बन सकता है। डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका क्षेत्र के निदेशक मत्सीदिसो मोइती की मानें तो दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, कैमरून और घाना में राजधानी शहरों से दूरदराज के इलाकों तक तेजी से फैल रहा है। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग की एक रिपोर्ट में पहले ही बताया गया है कि अफ्रीका में कोरोना वायरस के संक्रमण से लगभग तीन लाख लोगों की मौत हो सकती है।

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