रामगढ़: देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन की वजह से काफी लोगों को दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे हुए लोग अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. जो व्यक्ति जहां है बस वहीं पर रुक गया है. वहीं झारखंड के रामगढ में उड़ीसा और आसनसोल से 70 की संख्या में फंसे महिला और पुरुष बराती हाथ जोड़कर सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें उनके घर पहुंचाया जाए.
प्रशासन ने करवाया खाने का इंतजाम ये बाराती एक महीने से लड़की वाले के घर मे लॉकडाउन के कारण फंसे हुए है. इनकी समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने लॉकडाउन तक इनके लिए भोजन की व्यवस्था करवाई है. ऐसे में इन लोगों ने सरकार से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द वापस उनके घर पहुंचाया जाए.
पंचायत सचिवालय में ठहरे हुए हैं बाराती
रामगढ़ के अरगड्डा में लॉकडाउन के दौरान किसी तरह शादी तो हो गई लेकिन शादी के 30 दिनों के बाद भी दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है. उड़ीसा, आसनसोल और छत्तीसगढ़ से आए बराती और दूल्हा सहित वधु पक्ष के करीब 70 लोग जिसमें महिलाएं, बच्चे व पुरुष शामिल हैं.
लॉकडाउन के कारण वापस अपने घर नहीं जा पा रहे हैं. सभी को पिछले 30 दिनों से अरगड्डा के पंचायत सचिवालय में ठहराया गया है. टेंट लगाकर सभी को सुबह का नाश्ता दोपहर और रात का खाना लड़की वाले के साथ-साथ वहां के समाजिक संगठन के लोग मिलकर खिला रहे हैं.
22 तारीख का था जनता कर्फ्यू
दरअसल सीसीएल अरगड्डा माइनस क्वार्टर निवासी स्व. राजकपुर जगदल्ला की बेटी मानिका उर्फ मोनी की शादी 22 मार्च को आसनसोल(बंगाल) के नीचुपोड़ा रहने वाले दासु दीप के बेटे राकेश दीप के साथ होना तय हुआ था. शादी वाले दिन 22 तारीख को जनता कर्फ्यू लग जाने के कारण शादी नहीं हो पाई थी. 23 मार्च की रात को शादी हुई लेकिन 24 मार्च को लड़की की विदाई नहीं हुई और उसी रात को करोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश मे लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी.
शादी में आये बराती कर रहे हैं अपील
शांति सोनी (बराती पक्ष वाले) का कहना है, ” हम रायपुर से आए हुए हैं. हम लॉकडाउन से पहले 19 तारीख को पहुंचे थे. लॉकडाउन के कारण फंस गए हैं. मैं अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर आया हूं. मेरी सरकार से अपील है कि मुझे घर वापस पहुंचाने का कष्ट करें.”
रामगढ़ के डीसी संदीप सिंह का कहना है कि पूरे जिले में हम लोग 240 जगहों पर कम्युनिटी किचन चला रहे हैं. जिसके जरिए रोजाना करीब 14 से 15 हजार लोगों को राशन दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक जानकारी आई थी कि अरगड्डा में कोई बरात आई हुई थी लॉकडाउन की वजह से बाराती नहीं जा पा रहे हैं. उनको जरूरी सहायता दी जा रही है.