जिले के बाघमारा की रहने वाली इंटरनेशनल फुटबॉलर संगीता सोरेन इन दिनों पत्तल बेचकर परिवार चलाने को मजबूर है। इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद के उपायुक्त को संगीता सोरेन और उनके परिवार को जरूरी सरकारी मदद से लाभान्वित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। जल्द ही खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नीति और कार्यप्रणाली के साथ जनता के समक्ष आने वाली है।
पत्तल बनाकर कर रही है, जीवन यापन
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि धनबाद के बाघमारा निवासी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर संगीता सोरेन पत्तल बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण को मजबूर है। संगीता ने 2018 में भूटान सहित एशिया के कई देशों में देश का नाम रोशन किया। लेकिन आज संगीता की सुध लेने वाला कोई नहीं।
संगीता ने बताया कि घर चलाने के लिए वो जंगल जाती है और फिर वहां से पत्तों को लाकर पत्तल बनाकर बाजार में बेचती है जिससे उनका घर चलता है। उन्होंने बताया कि 2018 में भूटान में खेलने के लिए झारखंड से सिर्फ दो लड़कियों का चयन हुआ था जिसमें वे भी शामिल थी। उन्होंने बताया कि वे 2018-19 में भूटान और थाइलैंड में फुटबॉल खेल चुकी हैं। इसके अलावा वे गोवा, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश में भी खेल चुकी हैं।
इंटर की स्टूडेंट हैं संगीता
संगीता सोरेन ने बताया कि वे इंटर की स्टूडेंट हैं और धनबाद एसएसएलएनटी कॉलेज की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि वे छह भाई बहनों में पांचवे नंबर की हैं। उनके घर में मम्मी-पापा के अलावा भइया-भाभी, एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई रहता है। दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। संगीता ने बताया कि पिता अब काम नहीं करते जबकि मां गांव में दूसरों के जानवर चराती है। वहीं भइया मजदूरी करता है जिससे घर चलता है। कभी-कभी हालात खराब हो जाते हैं तो जंगल से पत्तियां लाकर पत्तल बनाती है जिससे कुछ पैसे आते हैं।